बिहार में बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर हाल ही में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह योजना बिहार के लिए एक बड़ी कदम है, जिससे क्षेत्र में तेजी से कनेक्टिविटी और विकास की उम्मीद बढ़ी है। बुलेट ट्रेन की रफ्तार लगभग 350 किलोमीटर प्रति घंटे होगी, जो यात्रियों को बेहतर और तेज़ सेवाएं प्रदान करेगी। इस परियोजना के तहत बिहार में कई प्रमुख शहरों से होकर ट्रेन गुजरेगी, जिससे कई जिलों के लोगों को आधुनिक ट्रांसपोर्ट का लाभ मिलेगा।
बुलेट ट्रेन परियोजना वाराणसी से हावड़ा (पश्चिम बंगाल) तक फैली है, जिसका एक हिस्सा बिहार में भी होगा। भूमि अधिग्रहण के लिए पहले से ही राजस्व कर्मचारियों द्वारा गांवों में सर्वे किया जा रहा है। लोगों को मुआवजा भी अच्छा दिया जाएगा, जो ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन की कीमत को चार गुना और शहरी क्षेत्रों में दो गुना तक बढ़ाएगा। यह परियोजना दो चरणों में पूरी की जाएगी, और बिहार में इस ट्रेन के लिए एलिवेटेड ट्रैक भी बनाया जाएगा ताकि ट्रैफिक में बाधा न हो.
बिहार बुलेट ट्रेन: जमीन अधिग्रहण शुरू और मार्ग
बिहार बुलेट ट्रेन परियोजना राष्ट्रीय उच्च गति रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) द्वारा संचालित की जा रही है। इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण शुरू हो चुका है, खासकर पटना, आरा, गया, बुक्सर, और जहानाबाद जैसे शहरों में।
रेलवे अधिकारियों ने गांवों में जमीन अधिग्रहण के लिए सर्वे पूरा कर लिया है। पटना जिले में लगभग 135 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी। अधिग्रहण की प्रक्रिया के दौरान, मालिकों को उचित और औचित्यपूर्ण मुआवजा दिया जाएगा।
बुलेट ट्रेन के मार्ग में वाराणसी से हावड़ा तक के कई महत्वपूर्ण शहर शामिल हैं, जिनमें बिहार के पांच बड़े शहर भी शामिल हैं:
- बुक्सर
- आरा
- पटना
- गया
- जहानाबाद
पटना में ट्रेन का एक महत्वपूर्ण स्टेशन फुलवारी शरीफ के पास बन रहा है, जो AIIMS के पास स्थित है।
बिहार बुलेट ट्रेन रूट में आने वाले प्रमुख शहर
क्रम संख्या | शहर का नाम | विशेषता |
1 | बुक्सर | पहला स्टॉप जहाँ स्टेशनों का विकास होगा |
2 | आरा | जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया प्रगति पर |
3 | जहानाबाद | अगले चरण में स्टेशन निर्माण |
4 | पटना | फुलवारी शरीफ में स्टेशन निर्माण |
5 | गया | बड़ा स्टेशन और तेज कनेक्टिविटी |
6 | हावड़ा (पश्चिम बंगाल) | अंतिम स्टॉप |
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया और मुआवजा
- बिहार में लगभग 128 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित होगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के लिए चार गुना और शहरी क्षेत्रों में दो गुना सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा।
- पटना के 58 गांवों में जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है।
- राजस्व कर्मचारी जमीन मालिकों के नाम, ठिकाना और जमीन के प्रकार का सर्वे कर रिपोर्ट बना रहे हैं।
- एलिवेटेड ट्रैक बनाने से जमीन कम लगेगी और ट्रेन की गति में सुधार होगा।
बुलेट ट्रेन परियोजना के लाभ
- बिहार के प्रमुख शहरों को तेज़ कनेक्टिविटी मिलेगी।
- आर्थिक विकास को तेज़ी मिलेगी।
- लोगों का समय बचेगा, जैसे पटना से दिल्ली का सफर 4 घंटे में संभव होगा।
- रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
- आधुनिक और सुरक्षित यात्रा उपलब्ध होगी।
बिहार में बुलेट ट्रेन की स्थिति (2025)
- सर्वे का काम पूरी तरह से पूरा हो चुका है।
- रेल मंत्रालय ने रिपोर्ट स्वीकार कर ली है।
- जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है।
- भूमि चयन के लिए राजस्व अधिकारियों द्वारा क्षेत्रों का निरीक्षण किया जा रहा है।
- ट्रेन के लिए एलिवेटेड ट्रैक और स्टेशन की योजना बनाई गई है।
सारांश तालिका: बिहार बुलेट ट्रेन परियोजना की झलक
विषय | विवरण |
परियोजना नाम | बिहार बुलेट ट्रेन / वाराणसी-हावड़ा हाई-स्पीड रेल |
कुल दूरी | लगभग 760 किलोमीटर (पूरा कोरिडोर) |
बिहार में दूरी | लगभग 60 किलोमीटर एलिवेटेड ट्रैक |
मुख्य शहर | पटना, गया, आरा, बुक्सर, जहानाबाद |
मुआवजा दर | ग्रामीण क्षेत्रों में 4 गुना, शहरी में 2 गुना सर्किल रेट |
अधिग्रहण भूमि | 128 हेक्टेयर से अधिक |
ट्रैक प्रकार | एलिवेटेड ट्रैक |
ट्रेन की गति | लगभग 350 किलोमीटर प्रति घंटे |
निष्कर्ष और डिस्क्लेमर
बिहार बुलेट ट्रेन परियोजना एक महत्वाकांक्षी योजना है जो बिहार की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली है। जमीन अधिग्रहण शुरू हो चुका है और निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। यह योजना अभी प्रगति पर है और इसे सरकार द्वारा पूर्ण रूप से समर्थित माना जाता है।
डिस्क्लेमर: यह योजना पूरी तरह से सरकारी मान्यताओं पर आधारित है। जमीन अधिग्रहण संबंधी गतिविधियां और परियोजना की प्रगति सरकारी अधिकारियों द्वारा नियंत्रित और अनुमोदित की जाती हैं। वर्तमान में यह प्रोजेक्ट वास्तविक और सक्रिय है, न कि कोई अफवाह या नकली योजना। इस लेख में दी गई जानकारी केवल आधिकारिक सरकारी स्रोतों पर आधारित है।
इसलिए, बिहार के नागरिक इस योजना से जुड़े किसी भी अपडेट के लिए राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के आधिकारिक सूचनाओं को ही प्राथमिकता दें।