दिल्ली सरकार ने महिलाओं और ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए सहेली स्मार्ट कार्ड योजना शुरू की है, जिससे वे डीटीसी और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगी। यह कार्ड दिल्ली में स्थायी रूप से रहने वाली 12 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाओं और ट्रांसजेंडर के लिए है। इससे पहले महिलाएं बसों में गुलाबी टिकट लेकर फ्री यात्रा करती थीं, लेकिन अब इस परेशानी को खत्म करते हुए डिजिटल और ज्यादा सुविधाजनक कार्ड का प्रावधान किया गया है।
सहेली स्मार्ट कार्ड के जरिए महिलाओं को बार-बार टिकट खरीदनी नहीं पड़ेगी, और उनकी यात्रा सुरक्षित, आसान और किफायती बनेगी। इस कार्ड को पाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा, केवाईसी पूरी करनी होगी, और कार्ड बैंक के माध्यम से उनके घर पर भेजा जाएगा। हालांकि, कुछ महिलाएं और ट्रांसजेंडर इसे नहीं प्राप्त कर पाएंगे, जिसके बारे में आगे विस्तार से बताया गया है।
सहेली स्मार्ट कार्ड क्या है?
सहेली स्मार्ट कार्ड एक डिजिटल, कॉन्टेक्टलेस और वैयक्तिकयात्री कार्ड है, जिसमें धारक का नाम और फोटो होता है। यह कार्ड दिल्ली की सभी डीटीसी और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा प्रदान करता है। इसके अलावा, यह मेट्रो और देश के अन्य राज्यों में भी उपयोग हो सकता है जहां नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) को स्वीकार किया जाता है, लेकिन वहां किराया देना होगा।
इस कार्ड को एक बार बनवाने के बाद जीवन भर के लिए वैध माना जाएगा और बार-बार रिन्यू करने की जरूरत नहीं होगी।
सहेली स्मार्ट कार्ड बनाने की प्रक्रिया
- सबसे पहले दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (DTC) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा।
- पंजीकरण करते समय अपनी पसंद की बैंक शाखा चुननी होगी।
- चुनी हुई बैंक शाखा में जाकर आधार कार्ड, पैन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो के साथ केवाईसी (KYC) सत्यापन करना होगा।
- केवाईसी पूरी होने के बाद बैंक कार्ड आवेदनकर्ता के पते पर भेज देगा।
- कार्ड मिलने के बाद इसे डीटीसी के ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम (AFCS) में एक्टिवेट करना होगा।
यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी है, जिससे भ्रष्टाचार की भी संभावना कम हो जाती है।
किन महिलाओं को नहीं मिलेगा सहेली स्मार्ट कार्ड?
- जिनकी उम्र 12 साल से कम है।
- दिल्ली के स्थायी निवासी न होने वाली महिलाएं और ट्रांसजेंडर।
- जिनके पास वैध पहचान पत्र या एड्रेस प्रूफ नहीं है।
- दिल्ली में न रहकर केवल काम करने वाली बाकी शहरों (जैसे नोएडा, गुडगांव आदि) की महिलाएं फिलहाल इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगी।
- जिनका केवाईसी सत्यापन पूरा नहीं होगा।
सहेली स्मार्ट कार्ड योजना का सारांश
विषय | विवरण |
योजना का नाम | सहेली स्मार्ट कार्ड |
लाभार्थी | दिल्ली की 12 वर्ष और उससे ऊपर की महिलाएं व ट्रांसजेंडर |
यात्रा की सुविधा | डीटीसी और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा |
कार्ड का प्रकार | डिजिटल, कॉन्टेक्टलेस, व्यक्तिगत यात्रा कार्ड |
आवेदन का तरीका | DTC वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण, बैंक में केवाईसी के बाद कार्ड प्राप्ति |
आवश्यक दस्तावेज | आधार कार्ड, पैन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो |
कार्ड वैधता | जीवन भर के लिए वैध |
ट्रांसपोर्ट में उपयोग | मुफ्त बस यात्रा (मेट्रो, अन्य में टॉप-अप आवश्यक) |
जिनको नहीं मिलेगा | 12 वर्ष से कम उम्र, गैर-स्थाई निवासी, अधूरे दस्तावेज वाले |
कार्ड एक्टिवेशन | AFCS सिस्टम के माध्यम से |
DTC बस सहेली स्मार्ट कार्ड कैसे लागू करें?
सबसे पहले DTC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और सहेली स्मार्ट कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करें।
फॉर्म में अपनी सही जानकारी भरें, साथ ही अपनी पसंद की बैंक शाखा चुनें।
उसके बाद चुनी हुई बैंक शाखा में निर्धारित समय पर जाएं और केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें।
केवाईसी हो जाने के बाद कार्ड आपके पते पर आपके घर भेज दिया जाएगा। इसे मिलने के बाद आपको बस में यात्रा के लिए AFCS में इसे एक्टिवेट कराना होगा।
सहेली स्मार्ट कार्ड के फायदे
- मुफ्त और सुरक्षित यात्रा: महिलाएं और ट्रांसजेंडर डीटीसी व क्लस्टर बसों में बिना किराया दिए यात्रा कर सकेंगे।
- नवीनीकरण की जरूरत नहीं: कार्ड जीवन भर के लिए वैध होगा।
- डिजिटल और सुविधा संपन्न: कार्ड बार-बार टिकट खरीदने की झंझट से मुक्त करता है।
- देश भर में उपयोग: एनसीएमसी नेटवर्क वाले अन्य शहरों में टॉप-अप के बाद उपयोग संभव।
- आसान आवेदन प्रक्रिया: पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और बैंक के जरिए पारदर्शी है।
किन महिलाओं को इन फायदों से वंचित रहना पड़ेगा?
फायदा केवल दिल्ली के स्थाई निवासियों को मिलेगा। ज्यादातर किराएदार या अन्य राज्य की महिलाओं को फिलहाल यह सुविधा नहीं मिलेगी। जिनके पास सही दस्तावेज नहीं हैं या केवाईसी पूरा नहीं है, वे भी कार्ड का लाभ नहीं उठा पाएंगी।