एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम और सरकारी योजनाएँ भारतीय घरों के लिए बेहद महत्वपूर्ण विषय हैं। पिछले कुछ वर्षों में घरेलू गैस की कीमतों में कई बार बदलाव देखा गया है, जिससे आम लोगों के बजट पर खासा असर पड़ता है। एलपीजी सिलेंडर आज हर घर की आवश्यकता है, चाहे वह शहर हो या गांव। रसोई में खाना पकाने के लिए सुरक्षित और साफ ईंधन मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार लगातार एलपीजी को सस्ती और उपलब्ध बनाने के लिए कई योजनाएँ चला रही है।
भारत सरकार तेल की वैश्विक कीमतों और मुद्रा विनिमय दरों के आधार पर हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी के दाम तय करती है। हाल के वर्षों में कई बार अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति के कारण घरेलू और वाणिज्यिक सिलेंडर के दाम बढ़े और गिरे हैं। आमतौर पर जिस समय दाम बढ़ते हैं, उस दौरान सरकार सब्सिडी और योजनाओं के माध्यम से घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने का प्रयास करती है।
LPG Gas Cylinder Rate
सितंबर 2025 में दिल्ली जैसे बड़े शहर में घरेलू 14.2 किलोग्राम का सिलेंडर करीब 853 रुपये में मिल रहा है। इस रेट में कई महीनों से थोड़ा स्थिरता आई है, हालांकि कभी–कभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बदलाव के चलते इसमें उतार-चढ़ाव आता रहता है। वहीं, 19 किलोग्राम के कमर्शियल सिलेंडर का रेट लगभग 1580 रुपये है, जो कि रेस्त्रां, होटल और अन्य व्यापारिक उपभोक्ताओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
एलपीजी गैस भारत में दो प्रमुख श्रेणियों में वितरित होती है: घरेलू (14.2 किलोग्राम) और व्यवसायिक (5, 19 एवं 47.5 किलोग्राम)। घरेलू सिलेंडर सीधे परिवारों के रसोईघर में उपयोग होते हैं, वहीं व्यवसायिक सिलेंडर खासतौर से बाजार, होटल और बड़े संस्थानों में उपयोग किए जाते हैं। एलपीजी रेट की हर महीने समीक्षा की जाती है ताकि सभी ग्राहकों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित हो सके।
सरकारी योजनाएँ और सब्सिडी
भारत सरकार ने एलपीजी उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कई योजनाएँ लागू की हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है प्रधानमंत्री उज्जवला योजना। इस योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन, चूल्हा, पहला सिलेंडर रिफिल और अन्य आवश्यक उपकरण दिए जाते हैं। उज्जवला योजना की शुरूआत वर्ष 2016 में हुई, जिसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों को साफ ईंधन उपलब्ध कराना है।
2025–26 में सरकार ने उज्जवला योजना के लिए 12,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है ताकि लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर पर 300 रुपये तक की सीधी सब्सिडी दी जा सके। यह सब्सिडी हर साल अधिकतम 9 सिलेंडर तक के लिए मिलती है। इसके अलावा, कुछ राज्यों में गरीब महिलाओं को त्योहारों के अवसर पर दो सिलेंडर मुफ्त दिए जाते हैं तथा बाकी महीनों में सब्सिडी दर पर सिलेंडर मिलते हैं। उज्जवला योजना के लाभ के लिए महिला के नाम से एलपीजी कनेक्शन होना, आधार कार्ड लिंक होना और गैस एजेंसी से ई-केवाईसी कराना जरूरी है।
एलपीजी सब्सिडी राशि सीधा उपभोक्ता के बैंक खाते में जमा होती है। इस प्रणाली का नाम है “पहल (डीबीटीएल)” यानी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण। पात्र उपभोक्ताओं को हर महीने सब्सिडी की राशि उनके रजिस्टर्ड बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है। इस तरह सरकार पारदर्शी तरीके से सब्सिडी का लाभ लोगों तक पहुंचाती है।
रसोई गैस सिलेंडर के लिए कैसे आवेदन करें
यदि कोई महिला उज्जवला योजना का लाभ लेना चाहती है तो उसके पास जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक, राशन कार्ड और पासपोर्ट साइज फोटो होनी चाहिए। नजदीकी एलपीजी वितरक केंद्र पर जाकर या संबंधित तेल कंपनी की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर आवेदन किया जा सकता है। सही दस्तावेज़ों की जांच के बाद सरकार द्वारा मुफ्त कनेक्शन, चूल्हा और पहले सिलेंडर की व्यवस्था कराई जाती है। साथ ही, उज्जवला लाभार्थियों के लिए सब्सिडी अपने आप उनके खाते में ट्रांसफर होती रहती है।
निष्कर्ष
एलपीजी गैस सिलेंडर आज हर परिवार की प्रमुख ज़रूरत है और इसकी औसत दर सितंबर 2025 में 853 रुपये के आसपास दर्ज की गई है। सरकार उज्जवला योजना और पहल जैसी योजनाओं के माध्यम से न केवल रसोई गैस उपलब्ध करा रही है, बल्कि गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए इसे किफायती भी बना रही है। आने वाले समय में भी उम्मीद है कि सरकार राहतकारी फैसले लेकर आम लोगों को सस्ती, सुरक्षित और निरंतर एलपीजी सेवा उपलब्ध कराती रहेगी।